शिक्षा के द्वारा अंधविश्वास का खात्मा
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हमारा समाज धार्मिक ठोंग पाखंड और अंधविश्वास की बेड़ियों में लोभी और गुमराह मुल्लाओं , पंडितों ,भगवानो द्वारा जकड़ा हुआ समाज है | अधिकतर तो जाहिल इनका शिकार होते हैं लेकिन मैंने धर्म और आस्था के नाम पे बड़े बड़े पढ़े लिखों को इसका शिकार होते देखा है |चमत्कारी बाबाओं और भगवानो द्वारा महिलाओं के शोषण की बातें हमेशा से प्रकाश में आती रही हैं और धन तो इनके पास दान का इतना आता है कि जिसे यह खुद भी नहीं गिन सकते | इसके दोषी केवल यह बाबा ,मुल्ला या भगवान् नहीं बल्कि हमारा यह भटका हुआ समाज है जो किरदार की जगह चमत्कारों से भगवान् को पहचानने की गलती किया करता है| शायद हम आज यह ही नहीं पहचान पा रहे हैं की हमारा अल्लाह, भगवान् या ईश्वर कौन है ? हर वो ताकात जिससे हम डर जायें या हर वो चमत्कार जो हमारी समझ मी ना आये उसे भगवान् या खुदा बना लेने की गलती ही हमें गुमराह करती है | यह बात साफ़ है की यह सारे ढोंग ,पाखंड धर्म का हिस्सा नहीं और इनपे विश्वास अंधविश्वास है | आप कह सकते हैं की जिस बात का कोई सम्बन्ध धर्म से ना हो उसी को ...