मनुष्य जीवन में सबसे ज्यादा जरूरत किसकी होती है

मनुष्य जीवन में सबसे आवश्यक मानव जीवन को और उसकी दिनचर्या को चलाने के लिए उसे अन्न के साथ साथ बहुत ही जरूरी होता है कि उसकी दिनचर्या को चलाने के लिए मनुष्य जीवन का जो प्रथम कर्तव्य यह होता है कि उसे अपना जीवन चलाने के लिए सद्भक्ति भी जरूर करनी चाहिए।

*शराब मनुष्य के जीवन का सम्पूर्ण विनाश करती है*।

शराब पीने से मनुष्य में जो आंतरिक भावनाएं होती है वह पूरी नष्ट हो जाती है और उसे कुछ भी पता नहीं होता है कि क्या होगा आगे संत कबीर साहिब जी कहते हैं की मदिरा पीवे कड़वा पानी सत्तर जन्म स्वान(कुते) के जाने ।।

इसीलिए जो भी मनुष्य शराब पीता है उसे 70 जन्म तक कुत्ते की योनि में कष्ट उठाने पड़ते हैं और मनुष्य को शराब तो बिल्कुल भी नहीं पीनी चाहिए महर्षि द्वारा शराब को राक्षसों का बताया गया है।।

।।पाखंड का विरोध करना भी मनुष्य जीवन में आवश्यक है।।

पाखंड आज हमारे भारतवर्ष में बहुत ही ज्यादा और चरम सीमा पर है पाखंड आज हमारे भारतवर्ष में पूरी तरह से पांव पसार चुका है और पाखंड को खत्म करने के लिए पूर्ण संत की शरण में जाकर सत भक्ति करने से ही पाखंड का खात्मा किया जा सकता है श्रीमद भगवत गीता मैं जो भी लिखा गया है उसी हिसाब से हमें उस एक परमात्मा की भक्ति करनी चाहिए और पूर्ण संत से नाम लेकर ही हम इस संसार रूपी काल के लोग से मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं इसीलिए मनुष्य जीवन में पाखंड का विरोध करना बहुत ही आवश्यक है।

।। मनुष्य जीवन में सभी को अपने गुरु द्वारा बताए मार्ग से अवगत कराना है।।

मनुष्य जीवन में सभी को गुरु बनाना बहुत ही जरूरी है पूर्ण गुरु के द्वारा मनुष्य जीवन से पार नहीं पाया जा सकता है गुरु भी पूरा होना चाहिए जो सिर्फ पवित्र ग्रंथ द्वारा ही ज्ञान बताएं इधर-उधर की सुनी सुनाई बातों पर विश्वास ना करें और जिस भी धर्म के पवित्र ग्रंथ में जो लिखा गया है वही करना चाहिए श्रीमद भगवत गीता मैं कहा गया है कि।। जो पुरुष शास्त्र विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करता है उसे ना तो सिद्धि प्राप्त होती है ना ही कोई अन्य लाभ ।।
इसीलिए सभी को शास्त्रों द्वारा दिए हुए ज्ञान और उस ज्ञान को अपने गुरु द्वारा ही बताया जाए।
मैंने आज तक बहुत से धर्म गुरुओं को देखा है लेकिन साधना चैनल पर रोज रात 7:30 से 8:30 और ईश्वर चैनल पर 8:00 से 9:00 बजे तक जब उनका सत्संग मैंने सुना तो वह पूरा ज्ञान शास्त्रों को खोल कर बता रहे थे ऐसा मैंने पहले किसी भी धर्म गुरु को नहीं करते देखा इससे मुझे लगता है की यह जो बता रहे हैं वह मैंने खुद मिलान करके देखा और मुझे लगा की आज तक हमारे धर्म गुरु जो हमें बताते आए हैं वह तो बिल्कुल भी उल्टा बताते थे और मैंने उसका उनका सत्संग सुना तो मुझे लगा कि यह बिल्कुल सही और सटीक ज्ञान बता रहे हैं कृपया आप भी एक बार सुने और फिर मिलान करके लिखें की सभी धर्मगुरु क्या बताते हैं और संत रामपाल जी महाराज क्या बता रहे हैं।।

।।मनुष्य को हर मददगार को जितनी हो सके खाने की व्यवस्था जरूर करनी चाहिए।।

मनुष्य जीवन में उन सभी को जरूरतमंद को जितना हो सके अपने अनुसार मदद करनी चाहिए खाना खिलाने की मदद हो सके उतनी कर सकते हैं खाना खिलाने में बहुत पुण्य मिलता है किसी को पैसा ना देकर खाना खिलाना और चाहिए पुण्य का काम माना जाता है।


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