वर्तमान की बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

शिक्षा विभाग की वर्तमान स्थिति:-

वर्तमान की जो भी शिक्षा व्यवस्था है उस पर सवाल उठाना सही है क्योंकि आजकल की जो शिक्षा एक व्यापार बनी हुई है और शिक्षा व्यापार और आरक्षण के कारण जो प्रतिभाशाली विद्यार्थी होते हैं वह अपनी प्रतिभा से वंचित रह जाते हैं कई बार ऐसा हुआ है की कोई विद्यार्थी 92% मार्क लाने वाला भी वह नौकरी नहीं पा सकता लेकिन आरक्षण के कारण 65% पाने वाला उसे वह नौकरी बिना किसी परेशानी के मिल जाती है इसीलिए शिक्षा व्यवस्था पर यह सवाल उठाना बिल्कुल भी गलत नहीं है पूरी शिक्षा व्यवस्था को खोकला करके रख दिया है शिक्षा सिर्फ और सिर्फ एक बिजनेस बनकर रह गई है सरकारी विद्यालयों में टीचर वैसे ही होते हैं जिन्हें आरक्षण के कारण व नौकरी मिली हुई होती है वर्तमान में शिक्षा पद्धति दो भागों में बांट कर रह गई है जिसमें शिक्षा सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के द्वारा दो भागों में बांट कर रख दिया है सरकारी स्कूल में सिर्फ गरीब वर्ग के परिवारों के लड़के ई शिक्षा ग्रहण करते हैं क्योंकि अमीर परिवारों को तो यह लगता है कि सरकारी स्कूलों में ना तो पढ़ाई होती है ना ही हमारे बच्चों का भविष्य बनता है इसीलिए वह उन्हें सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाते हैं और गरीब यही चाहता है कि हमारे भी बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़े लेकिन आमदनी की कमी के कारण वह ऐसा नहीं कर पाते हैं और इसी कारण वर्तमान की शिक्षा पद्धति पर यही सवाल खड़ा होता है की शिक्षा को सिर्फ जो रोज कार्य करते आ रहे हैं वैसे कर दिया गया है

शिक्षा विभाग में सुधार कि नाम मात्र कोशिश:-

सरकार द्वारा शिक्षा विभाग में किए गए सुधार सिर्फ नाम मात्र के रह गए और वह सिर्फ दिखावे में या फिर जब भी कोई अधिकारी चेक करने के लिए आते हैं फिर अचानक से उन्हें ऐसा दिखाने की कोशिश करते हैं जैसे यहां की व्यवस्था बिल्कुल सही है और सालों से ऐसे ही चल रहा है और जब अधिकारी आते हैं तो देखते हैं कि यहां तो सब कुछ सही है और कहीं-कहीं तो ऐसा भी होता है कि कई बार अधिकारी ही करप्शन की चपेट में आ जाते हैं और शिक्षा को ताक में रखकर सब बुरे काम करते हैं उच्च शिक्षा विभाग में बहुत ही ज्यादा नाकामयाबीयों को छिपाने की कोशिश की जाती है और कई बार देखा गया है की शिक्षा विभाग एक कारोबार की तरह काम करता है उस हिसाब से पहले जैसी शिक्षा अब देखने को नहीं मिलती है और सिर्फ उन्हें नाम मात्र या रूटीन वर्क की तरह इस्तेमाल किया जाता है कई बार देखा गया है कि इस विभाग में कई घोटाले हो जाते हैं जैसे मिड डे मील घोटाला और भी कई तरह के और इसमें सभी अधिकारी मिलजुल कर बांट कर खाने वाले देश के गद्दार लोगों में से होते हैं उन्हें यह नहीं देखना है कि बच्चों का भविष्य हम टीचरों के ऊपर उनके माता-पिता का हमारे ऊपर भरोसा होता है और हम उनके भरोसे की बिल्कुल भी कीमत नहीं समझते और सरकार भी कुछ भी कोशिश नहीं करती है और जो हमेशा की तरह चल रहा है शिक्षा विभाग ऐसे ही चलता रहेगा शायद इसमें सुधार लाने की जरूरत है क्योंकि अगर ऐसे ही चलता रहा तो बहुत ही जल्द यह शिक्षा विभाग बहुत ही जबरदस्त खराब स्थिति में चला जाएगा।

संस्कारो के ज्ञान द्वारा सभी को सही रास्ते की ओर ले जाना:-

सभी को संस्कारों की आवश्यकता होती है और संस्कारों से कि हमारे जीवन में कुछ भी संभव हो सकता है तब तक संस्कार नहीं होगा हम सिर्फ एक जिंदा लाश की तरह ही मनुष्य जीवन जी रहे होते हैं क्योंकि मनुष्य जीवन में सिर्फ जीवन यापन करना ही उद्देश्य नहीं होता है काम करना और काम के साथ-साथ मनुष्य जीवन को और भी क्या आवश्यक चीजें वह भी करनी चाहिए क्योंकि मनुष्य जीवन बहुत ही अनमोल जीवन बताया गया है इसमें संस्कार जैसे नशा नहीं करना रिश्वत नहीं लेना किसी की आत्मा को नहीं दुखाना दिल में दया रखना ऐसे ही संस्कार हमारे जीवन में होनी चाहिए और संत रामपाल जी महाराज वह संत है इनके लिए कभी भी नशे के पास नहीं जाते नशा करना तो दूर किसी को लाकर भी नहीं देती है और ऐसा करना पूरी मानव जाति के लिए उद्देश्य होना चाहिए क्योंकि नशा एक बहुत ही भयंकर बीमारी है इससे हमारे शरीर में बहुत नुकसान होता है संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताया गया ज्ञान सभी के लिए बहुत ही लाभदायक है और उनके द्वारा ऐसी शिक्षा दी जाने मैं और उनकी इस आज्ञा का पालन करने में अगर पूरी मानव जाति सहयोग करें तो संसार को नशा मुक्त और संसार के किसी भी बीमारी से उचित नहीं होने दे सकते हैं मैं लगता है की ऐसा पूरी दुनिया में शायद एक ही ऐसे संत हैं जो नशे के पूर्ण रूप से खिलाफ है जो सरकार के नशा मुक्ति केंद्र चला कर भी नशा नहीं छुड़वा पा रही है। और संत रामपाल जी महाराज सिर्फ अपने ज्ञान से इसलिए जैसे बुराइयों को पूर्ण रूप से खत्म करते जा रहे हैं संसार में सभी विद्यार्थियों को यह शिक्षा देने का प्रावधान होना चाहिए ऐसा सिर्फ कहने से नहीं होना चाहिए कर कर दिखाना चाहिए पूरी दुनिया में बहुत सी बीमारियां है जो फिर उनकी ज्ञान मात्र से दूर हो जाती है




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