संस्कारो का पतन और आध्यात्मिक ज्ञान से उत्थान
वर्तमान में समाज के संस्कारों की स्थिति:-
आज के समाज में संस्कारों की स्थिति बहुत ही भयानक हो चुकी है आजकल समाज में संस्कारों के नाम पर पूरा समाज अश्लील हो चुका है शादियों में संस्कारों के नाम पर पूरे घर की बहन बेटियां गंदे गंदे गानों पर पूरे परिवार के सदस्य हैं झुंड बन कर कैसे नाचते हैं और ऐसी अश्लीलता फैलाते हैं की घर की बहन बेटियों को कोई शर्म नहीं आती है और खुलेआम नाचती हैं पहले के जमाने में बहुत संस्कारी होते थे लेकिन जैसे-जैसे सभी कहते हैं कि जमाना बदल गया है और वैसे वैसे फैशन के नाम पर बिल्कुल कम कपड़े पहनना उसे एक तरह फैशन माना जाता है और फैशन के नाम पर पूरे समाज में ऐसी अश्लीलता फैलाई गई है किसके बारे में अगर किसी को कहा जाए तो बिल्कुल भी मानने को तैयार नहीं है और ऐसा करने वाले मैं आपको बहुत इज्जत दार समझते हैं और शायद ही कोई ऐसा होगा जोकि आजकल के समाज में इन सब से बिल्कुल हटकर समाज में फैली वर्तमान के संस्कारों को पूरी तरह से नकार कर एक सभ्य समाज की स्थापना कर रहा हो ऐसा करने वाले को समाज में बहुत ही बुरी नजर से देखा जाता है और उसके खिलाफ बहुत ही गलत व्यहवार किया जाता है।
कि हम जो कर रहे हैं वह संस्कार है ऐसे संस्कारों से आज हमारे समाज में बहुत ही बुरा असर देखने को मिल रहा है हमारे समाज में सभी नौजवान लड़के और लड़कियां मोबाइल पर अश्लील तरीकों से नाच गाना करना उन्हें ऐसा लगता है कि हमारे संस्कारों में आता है और इस तरीके से अश्लीलता फैला कर आने वाले समाज को बहुत ही गलत दिशा में लेकर जा रहे हैं आज के वर्तमान स्थिति को देखते हुए बहुत ही कड़े कदम उठाने की जरूरत है वर्तमान स्थिति इतनी बुरी हो चुकी है की समाज में बहुत ही कड़े कदम उठाने की जरूरत है
कई संस्थाओं द्वारा अश्लीलता को रोकने के विफल प्रयास:-
समाज में बहुत सी संस्थाओं द्वारा समाज में फेल रहे अश्लीलता और समाज जो गलत दिशा में जा रहे है उसे रोकने के लाखों प्रयास करने पर भी समाज को इस कीचड़ की और जाने से नहीं रोक पा रहे हैं कहीं एनजीओ द्वारा चलाए गए अभियानों मैं भी यह समझाया जाता है की समाज को पुरातत्व संस्कारों द्वारा सामाजिक कार्य करना चाहिए लेकिन आजकल के समाज मैं संस्कारों के नाम पर सिर्फ और सिर्फ अश्लीलता और नग्नता ही पेश की जाती है और ऐसे में समाज को कोई दिशा नहीं दिखाई जा सकती ऐसे लाखों प्रयास करने पर भी समाज में किसी को भी ऐसाा करने मैं दिलचस्पी नहीं रहती पूरा सभ्य समाज यह सोचता है कि हम जो कर रहे हैं यही सही है ना किसी की सुनते हैं और जो करते कई सरकारोंं द्वारा ऐसी अश्लीलता फैलाने पर रोक लगाने के लिए कई प्रबंध किया जाता है जैसे शादियों में डीजे बजाना रोकने पर भी जो सक्षम होते हैं वह सरकारोंं को रिश्वत खिलाकर कुछ भी कर सकते हैं ऐसे में सभी संस्थाओं द्वारा विफल प्रयास ही कर सकते हैं समााज को अश्लीलता सेे बचा सभी समाज की ओर ले जाने के लिए बहुत प्रयास करने पड़ेंगे तभी जाकर समाज को अश्लीलता से बचाकर सभ्य समाज की ओर ले जाया जा सकता है ।
आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा समाज को दिशा निर्देश:-
कई बार देखा गया है कि बहुत से प्रयासों के बाद भी समाज में फैली अश्लीलता को रोकने के लिए बहुत से प्रयासों के बाद भी इसे फैलने से नहीं रोका जा सकता लेकिन आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा जिससे पता चलता है कि समाज को किस ज्ञान की जरूरत है और समाज किस दिशा में जा रहा है समाज को आज के समय में सिर्फ संत रामपाल जी महाराज ऐसा ज्ञान बता रहे हैं जिससे समाज में फैली बुराइयां और भी तरह की अन्य कुरीतियां को समाज में फैलने से रोकने के लिए संत रामपाल जी महाराज पूर्ण रूप से सहयोग दे रहेे हैं और उनके द्वारा किए गए प्रयास भी सफल हो रहे हैं और समाज मेंं फैली बुराइयों को फैलने से सिर्फ संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से ही रोका जा सकता है उनके द्वारा और उन से लिए गए नाम उपदेश में सर्वप्रथम नियम आते हैं कि नशा नहीं करना है बुराइयां छोड़नी है दहेज नहीं लेना है और भी किसी तरह की पाखंड पूजा और समाज में फैले अश्लीलता को रोकनेे के लिए पूर्ण रूूप से इनके ज्ञान द्वारा ही रोका जा सकता है आज समाज में संत रामपाल जी महाराज के द्वारा लिए गए नाम उपदेश से कोई भी सच है नशा रिश्वतखोरी दहेज लेना शादियों में अश्लीलता गानों पर नाचना बिल्कुल भी नहीं करते हैं और उनके द्वारा निर्माण किए गए इस समाज में बहुत ही सभ्य और साधारण तरीके से शादी हो जाती है से पता चलता है कि समाज में इनके द्वारा दिए गए ज्ञान से ही समाज में फेली बुराई को रोका जा सकता है।
आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा समाज को दिशा निर्देश:-
कई बार देखा गया है कि बहुत से प्रयासों के बाद भी समाज में फैली अश्लीलता को रोकने के लिए बहुत से प्रयासों के बाद भी इसे फैलने से नहीं रोका जा सकता लेकिन आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा जिससे पता चलता है कि समाज को किस ज्ञान की जरूरत है और समाज किस दिशा में जा रहा है समाज को आज के समय में सिर्फ संत रामपाल जी महाराज ऐसा ज्ञान बता रहे हैं जिससे समाज में फैली बुराइयां और भी तरह की अन्य कुरीतियां को समाज में फैलने से रोकने के लिए संत रामपाल जी महाराज पूर्ण रूप से सहयोग दे रहेे हैं और उनके द्वारा किए गए प्रयास भी सफल हो रहे हैं और समाज मेंं फैली बुराइयों को फैलने से सिर्फ संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान से ही रोका जा सकता है उनके द्वारा और उन से लिए गए नाम उपदेश में सर्वप्रथम नियम आते हैं कि नशा नहीं करना है बुराइयां छोड़नी है दहेज नहीं लेना है और भी किसी तरह की पाखंड पूजा और समाज में फैले अश्लीलता को रोकनेे के लिए पूर्ण रूूप से इनके ज्ञान द्वारा ही रोका जा सकता है आज समाज में संत रामपाल जी महाराज के द्वारा लिए गए नाम उपदेश से कोई भी सच है नशा रिश्वतखोरी दहेज लेना शादियों में अश्लीलता गानों पर नाचना बिल्कुल भी नहीं करते हैं और उनके द्वारा निर्माण किए गए इस समाज में बहुत ही सभ्य और साधारण तरीके से शादी हो जाती है से पता चलता है कि समाज में इनके द्वारा दिए गए ज्ञान से ही समाज में फेली बुराई को रोका जा सकता है।
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