दहेज प्रथा का आध्यात्मिक ज्ञान द्वारा निवारण

दहेज प्रथा की वर्तमान स्थिति:-
दहेज प्रथा आज हमारे समाज में इतना गहरा असर कर चुका है की आज समाज बहुत ही भयानक रूप ले चुका है दहेज से जो अमीर परिवारों के शादी होती है वही गरीब परिवार की स्थिति में जब मध्यमवर्ग के लोग अपनी बेटियों की शादी करते हैं। तो वह लोग भी वैसे ही धूमधाम से शादी करना चाहते हैं लेकिन पैसों की कमी के कारण वैसे नहीं कर पाते और सोचते हैं कि अगर ऐसे नहीं करेंगे तो हमारी इज्जत कम हो जाएगी और यही सोच कर अपने खेत या मकान को गिरवी रख कर किसी भी तरह उसी तरीके से शादी करने की कोशिश करते हैं और सोचते हैं कि समाज में हमारी इज्जत बनी रहे और ऐसा करने से उन्हें लगता है कि हम समाज में हमारी इज्जत रख रहे हैं समाज को लगता है और आकर वाह भाई करते हैं समाज के लोग यह नहीं समझ पाता है कि इन्होंने जो किया है वह उनकी आत्मा जानती है और वह दिन-ब-दिन यही सोचते रहते हैं की कर्जा कैसे उतारेंगे और यही सोच कर कभी-कभी तो कोई किसान या गरीब वर्ग के लोग आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं इसलिए दहेज प्रथा को पूर्ण रूप से खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए जो गरीब परिवारों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए बहुत ही अच्छा हो दहेज प्रथा समाज में ऐसे पैर पसार चुकी है कि उन्हें खत्म करना सरकार के बिल्कुल भी हाथ में नहीं है।



सरकारों द्वारा दहेज प्रथा खत्म करने की नाकाम कोशिश:-

भारत देश में आजकल जो भी सरकारें आती है दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए बहुत ही एनजीओ और सरकारी संस्थाओं द्वारा कोशिश करने पर भी खत्म करने में नाकाम रहती है और सिर्फ और सिर्फ सरकार की आमदनी कैसे हो यही सोचती है दहेज प्रथा जैसी विकराल समस्या को पूर्ण रूप से खत्म करने के लिए बहुत कोशिश करनी पड़ती है और सरकार यह नहीं चाहती की दहेज प्रथा बंद हो और सरकार की आमदनी रुक जाए सरकार तो यही चाहती है कि अगर देश में कितनी भी बड़ी समस्या आए तो भी वह गरीबों मजदूरों किसानों के बारे में नहीं सोचती सरकार सिर्फ और सिर्फ अपने हित में ही सोचती है कई बार देखने को मिला है कि सरकार द्वारा चलाई गई योजनाएं सिर्फ फाइलों में ही दबकर रह जाती है और सरकार के द्वारा हजारों कोशिश करने के बावजूद भी ऐसी बड़ी समस्या दहेज प्रथा को खत्म करना सरकार की एक नाकाम कोशिश साबित होती है और कहीं जगह यह देखने को मिलता है कि नहीं चाहिए कई परिवार बर्बाद हो जाते हैं और कहीं बहू बेटियां दहेज से परेशान होकर अपने आप को या तो जला देती हैं या आत्महत्या कर देती है।

दहेज प्रथा खत्म करने का संत जी द्वारा ज्ञान से खात्मा:-

आजकल की सरकारे जो काम नहीं कर पा रही हैं वह काम आज संत रामपाल जी व उनके अनुयाई पूर्ण रूप से कर रहे हैं जैसे दहेज का खात्मा नशा पाखंड और भी बहुत सारी बुराइयां को पूर्ण रूप से खत्म करने का जिम्मा उठाया है और उनकी इतनी कोशिशों के करने से समाज में बहुत ही अच्छा माहौल हो गया है और उनकी कोशिशों से ऐसा लगता है यह कि आने वाले समय में ऐसा ही होगा संत जी द्वारा शादी ना ही किसी दहेज और ना ही किसी लेनदेन के बहुत ही साधारण तरीके से हो जाती है और ऐसी शादी मैं ना ही गरीब आदमी को बिल्कुल आराम से अपनी बेटियों की शादी हो जाती है और ना ही वह किसी तरह के कर्जदार होते हैं ऐसा काम करने वाले संत रामपाल जी महाराज आज हमारे समाज को  एक नई दिशा  दिखा रहे हैं । हमें भी मिलकर के महान कार्य मैं इनका सहयोग देना चाहिए और समाज को बचाना चाहिए ऐसे ही हम अपने समाज को बचा सकते हैं और दहेज प्रथाा को संत जी द्वारा बताए गए मार्ग पर चलकर दहेज को पूर्ण रूप से खत्मम कर सकते हैं ।

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